...

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हवाओं पर
हवाओं पर लिखा मैंने उस रोज तुम्हारा नाम,
जिसे पढ़ खुद तुम हुए हैरान,
उदासी वो तुम्हारी, बेढंग ,बेकरारी,
नहीं उतरती जहम से मेरे सुबह- शाम,
खफा तुम्हारी थी फिर भी हम ही बदनाम,...