ग़ज़ल
12122-12122-12122-12122
अभी मोहब्बत में दिल है डूबा अभी तिजारत हुई नहीं है
कोई न टूटा अभी सितारा कोई क़यामत हुई नहीं है
तू ख़ूब कर ले सितम ऐ जानाॅं अभी है सब कुछ मुआफ़ तुमको
अभी है मासूम दिल की राहें अभी अदावत हुई नहीं है
जो पहली सफ़ में नमाज़ पढ़ के सुकूॅं न चेहरे पे झिलमिलाया
अभी जमा है नहीं भरोसा अभी इबादत हुई नहीं है
न मंदिरों में न मस्जिदों में वो दाता दोनों जगह नहीं है
जहां...
अभी मोहब्बत में दिल है डूबा अभी तिजारत हुई नहीं है
कोई न टूटा अभी सितारा कोई क़यामत हुई नहीं है
तू ख़ूब कर ले सितम ऐ जानाॅं अभी है सब कुछ मुआफ़ तुमको
अभी है मासूम दिल की राहें अभी अदावत हुई नहीं है
जो पहली सफ़ में नमाज़ पढ़ के सुकूॅं न चेहरे पे झिलमिलाया
अभी जमा है नहीं भरोसा अभी इबादत हुई नहीं है
न मंदिरों में न मस्जिदों में वो दाता दोनों जगह नहीं है
जहां...