...

9 views

मौत….
आ रही है वो!
मैं शर्मा कर छुप गया…
मीलों का सफ़र तह करते करते,
मैं एक दम से रुक गया…

आज वो क्या मिली मुझे आकर
जैसे कोई अपना हमसफ़र मिल गया…
नज़ारो से नज़र ऐसे मिलाई
कि मुरझाया फूल खिल गया…
मेरी आँख बंद थी और मुझे खूबसूरत
नज़ारा देख रहा था…
उँठ नहीं पा रहा था मैं लेकिन उड़ने का
सहारा मुझे मिल रहा था…
आपने मेरे कान में कहा कुछ
और मैं कहीं जा कर छुप गया…
मीलों का सफ़र तह करते करते,
मैं एक दम से रुक गया…

दिल की गहराई से जब उसने मुझको पुकारा ,
आ सजन चले हम यह ज़िंदगी ना मिले दुबारा …
मेरी साँसों का कारवाँ बस रुकने को तैयार था।
मेरी एक झलक से पता चला उसको मुझसे कितना प्यार था…
वो ऐसे लिपटी मुझसे आ कर
कि मैं टूटे पत्ते जैसा सुक गया…
मीलों का सफ़र तह करते करते,
मैं एक दम से रुक गया…

शायद मेरी कहानी का अंत
इस तरह होना था…
इस ज़िंदगी ने मुझे बहुत भगाया
अब तो बस सोना था…
यह बात बहुत अच्छी हुई
कि उसने एक पल ना दिया मुझे…
यह जीवन बहुत कठिन था
उसने मौत का फ़रमान किया मुझे…
“जिंद” ले उसकी तमन्ना पुरी हो गयी
इसी लिए मैं मौत के आगे झुक गया…
मीलों का सफ़र तह करते करते,
मैं एक दम से रुक गया…

#जलते_अक्षर
© ਜਲਦੇ_ਅੱਖਰ✍🏻