...

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हिम्मत
चाहे घनघोर अंधेरा हो,
नव भोर भी निश्चित है,

निराशाओं के तिमिर तले,
कुछ आशाओं के पुष्प भी पल्लिवत है,

नील-गगन के आसमानी रंग में,
इंद्रधनुषी रंग भी अपेक्षित है,

निर्जन वन की कंदराओं में,
औषधीय लताएं भी आच्छादित है,

द्रवित-पराजित मनुज मन में,
अब भी कुछ हिम्मत बाकी है,
अब भी कुछ ताकत बाकी है ।

©Mridula Rajpurohit ✍️
🗓️10 July, 2021
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