सांत्वना
मैंने आम बोलचाल वाली भाषा का इसतेमाल किया था उसको सांत्वना देबे मे
फिर भी न जाने क्यों
वो मेरी बात
सुन कर चीख ...
फिर भी न जाने क्यों
वो मेरी बात
सुन कर चीख ...