...

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इश्क मे लिख रहा हू.....
इश्क में तुम्हारे ग़ज़ल लिख रहा हूँ ,
माना साथ नहीं हो तुम
तुम्हारी याद में लिख रहा हूँ ,

मुमकिन नहीं है फिर से गले लगना
फिर भी इश्क को हमारे मुक्कम्मल लिख रहा हूं ,

ढाये इश्क ने कितने सितम हम्पे
फिर भी इश्क को तुम्हारे खूबसूरत लिख रहा हूं ,

साथ बिताये जो लम्हे तुम्हारे
उन्हे में जन्नत-ए-सफ़र लिख रहा हूँ ,

छोड़ गए तुम...