/ग़ज़ल : आपकी हर इक अदा का यार बस कायल हूँ मैं/ बह्र : 2122/2122/2122/212___
2122/2122/2122/212
आपकी आँखों में ख़ुद को देखता हर पल हूँ मैं
आपकी हर इक अदा का यार बस कायल हूंँ मैं
ये सँवरना है सिफ़र जानम तुम्हारा मेरे बिन
कान का झुमका, तुम्हारी आँख का काजल हूँ मैं
ग़ज़लों की महफ़िल में सब फनकार कहते हैं मुझे
आपकी महफ़िल में ही नाकाम हूँ पागल हूँ मैं
इस घड़ी मतलब...
आपकी आँखों में ख़ुद को देखता हर पल हूँ मैं
आपकी हर इक अदा का यार बस कायल हूंँ मैं
ये सँवरना है सिफ़र जानम तुम्हारा मेरे बिन
कान का झुमका, तुम्हारी आँख का काजल हूँ मैं
ग़ज़लों की महफ़िल में सब फनकार कहते हैं मुझे
आपकी महफ़िल में ही नाकाम हूँ पागल हूँ मैं
इस घड़ी मतलब...