तुम्हारी बाहों
तुम्हारी पीली शूट की बाहे,
मुझे अब भी कस कर पकड़ती है
तुम्हारे बाल पीछे करते वक़्त,
मेरी हाथ तेरे झुमके को छूति है
मुझे वह तकिया अब भी साइड मे पड़ा ताकता है
मुझसे ज्यादा वो तुम्हारी बहों को याद करता है,
पहले मैं चिढ़ता था उससे अब चिढ़ता नहीं
बस कहता है मैं अब भी तुम्हारा हूँ किसी ओर का नहीं,
...
मुझे अब भी कस कर पकड़ती है
तुम्हारे बाल पीछे करते वक़्त,
मेरी हाथ तेरे झुमके को छूति है
मुझे वह तकिया अब भी साइड मे पड़ा ताकता है
मुझसे ज्यादा वो तुम्हारी बहों को याद करता है,
पहले मैं चिढ़ता था उससे अब चिढ़ता नहीं
बस कहता है मैं अब भी तुम्हारा हूँ किसी ओर का नहीं,
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