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तुम और मैं
तुम लेखनी तो बनो पहले,,
मैं शब्द बन जाऊँगी।।
तुम रूह तो बनो पहले ,,
मैं अहसास बन जाऊँगी।।
हाँ, तेरा मेरा साथ
इस तरह का होगा हरपल ,,
जैसे कल्पना ही ना की जा सके
एक - दूसरे का वजूद
एक - दूसरे के बिना ।।
हमदोनों ऐसे रहेंगे हमेशा
जैसे संग रहते हैं
दीया और बाती ,,
धागा और मोती ।।
हमेशा होता जरुरी जैसे
सांस लेने के लिए हवा ,,
वैसे ही हम दोनों भी बन जायें
अपने - अपने वजूद के लिए
एक - दूसरे की जरूरत ।।
— Arti Kumari Athghara (Moon) ✍✍
Pen name — Alfaj _E_Chand (Moon)
© Alfaj _E_Chand ( 💗🌛Moon💗🌛) ✍✍
मैं शब्द बन जाऊँगी।।
तुम रूह तो बनो पहले ,,
मैं अहसास बन जाऊँगी।।
हाँ, तेरा मेरा साथ
इस तरह का होगा हरपल ,,
जैसे कल्पना ही ना की जा सके
एक - दूसरे का वजूद
एक - दूसरे के बिना ।।
हमदोनों ऐसे रहेंगे हमेशा
जैसे संग रहते हैं
दीया और बाती ,,
धागा और मोती ।।
हमेशा होता जरुरी जैसे
सांस लेने के लिए हवा ,,
वैसे ही हम दोनों भी बन जायें
अपने - अपने वजूद के लिए
एक - दूसरे की जरूरत ।।
— Arti Kumari Athghara (Moon) ✍✍
Pen name — Alfaj _E_Chand (Moon)
© Alfaj _E_Chand ( 💗🌛Moon💗🌛) ✍✍
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