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raat or khawab..
अभी जग जायें ख्वाब सारे,
कुछ नींद आये तो बात बने,
चमके जुगनुओ से हम भी,
चराग भुझे और दिल जले तो बात बने,
बिना काम रात जगे हैं तलाश में उनकी,
अब तो इन अंधेरों में खुद से ही मिल जाएं तो बात बने,
कुछ बाते ख़्वाहिशों की कुछ टूटे विश्वास की,
हम ही बेवफा हैं चलो ये बात वो ही समझे जायें तो बात बने...
© y2j
कुछ नींद आये तो बात बने,
चमके जुगनुओ से हम भी,
चराग भुझे और दिल जले तो बात बने,
बिना काम रात जगे हैं तलाश में उनकी,
अब तो इन अंधेरों में खुद से ही मिल जाएं तो बात बने,
कुछ बाते ख़्वाहिशों की कुछ टूटे विश्वास की,
हम ही बेवफा हैं चलो ये बात वो ही समझे जायें तो बात बने...
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