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दुर्लभ!! amit pandey. 💓😢
मै अभिमत का हूँ दोष यहीं तुम अविमत की वरदान प्रिये,
मै हुआ कुंठ सा कंटक तुम नाजुक पुष्प गुलाब प्रिये,
मै हुआ धुँध सा जीवन हूँ, तुम भोर भानू का प्रकाश प्रिय,
मै हूँ कलंक अपने पथ का तुम उस पथ की अलंकार प्रिय ।।
#guru_r #WritcoQuote #poem #poetrycommunity #selflove
मै हुआ कुंठ सा कंटक तुम नाजुक पुष्प गुलाब प्रिये,
मै हुआ धुँध सा जीवन हूँ, तुम भोर भानू का प्रकाश प्रिय,
मै हूँ कलंक अपने पथ का तुम उस पथ की अलंकार प्रिय ।।
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