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मुन्तज़िर
तेरे मुन्तज़िर को रुलाये है ,ये इंतज़ार के पल,,
किश्तों में ही क्यो मिलते है ,हमें प्यार के पल,,
(मुन्तज़िर -इंतज़ार करने वाला)
बिना बारिश के तो सहरा भी सूख जाता है,,
सूखे पत्तों से मुरझा रहे है,,तेरे बीमार के पल,,
( सहरा- जंगल)
@vikas jain vyakul
किश्तों में ही क्यो मिलते है ,हमें प्यार के पल,,
(मुन्तज़िर -इंतज़ार करने वाला)
बिना बारिश के तो सहरा भी सूख जाता है,,
सूखे पत्तों से मुरझा रहे है,,तेरे बीमार के पल,,
( सहरा- जंगल)
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