ग़ज़ल : मोहब्बत के हुनर सीखा दे कोई
मोहब्बत के हुनर सीखा दे कोई
ख़ुलूसो इश्क़ क्या है बता दे कोई
मैं ही हर बार हूँ दर्द से गुज़रा
जिगर में दर्द तेरे उठा दे कोई
ज़रा कम होता जाता है दर्द मेरा
मिरे सीने में खंजर चुभा दे कोई
बहुत...
ख़ुलूसो इश्क़ क्या है बता दे कोई
मैं ही हर बार हूँ दर्द से गुज़रा
जिगर में दर्द तेरे उठा दे कोई
ज़रा कम होता जाता है दर्द मेरा
मिरे सीने में खंजर चुभा दे कोई
बहुत...