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आज कल
आज कल गुजर रहे है
पता नही हम किस रास्ते चल रहे है
याकिनन मरने की फिराक मे है हम
पता नही ये दौर कैसा है
हसाने तो आता नही किसी को
मगर रुलाने चले आते है
आज कल तो पंछी को भी इजाजत है उड़ने की
मगर हम लड़कियों को नही
आज कल बे मतलब वक़्त गुजर रहा है
हक से ज्यादा सता रहा है
दर्द हमारा कोई सुन नही पा रहा है
मजबूरन हमे शायर बनना पड़ रहा है
आज कल है वक़्त तो कोई याद भी नही करता
और हमारे मरने के बाद झूठे आँसू बहेंगे लोगो के
© Goldi Singh
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