बुजुर्ग माँ पिता को छोड़ चल पड़ा
मन भर गया उसका
एक दिन वो छोड़ चल पड़ा
बुजुर्ग माँ पिता को
घर में छोड़ चल दिया
बचपन से पचपन तक
जिसने तुझे पाला
उसको ही छोड़कर के वो
प्रदेश चल दिया
माता पिता बेटे को
पल भर भूल न पाते
पर बेटा उन्हीं माता पिता
को छोड़ चल पड़ा
उनका था एक बेटा ही
था जो लाडला माँ बाप का
करता न था बेटा कभी
एक काॅल जरा सा
बुजुर्ग माँ पिता को कैसे
छोड़ चल पड़ा
निकला बड़ा नालायक पल भर में
रिश्ता तोड़ चल पड़ा
मन भर गया उसका
एक दिन वो छोड़ चल पड़ा
बुजुर्ग माँ पिता को
एक दाना नशीब न हुआ
तड़प तड़प कर माँ
पिता ने याद खूब किया
बुजुर्ग माँ पिता को
वो छोड़ चल पड़ा
प्रेम भाव लाड दुलार
सब छोड़ चल पड़ा
जिसने सिखाया ज्ञान
वो सीख न सका
प्रदेश में...
एक दिन वो छोड़ चल पड़ा
बुजुर्ग माँ पिता को
घर में छोड़ चल दिया
बचपन से पचपन तक
जिसने तुझे पाला
उसको ही छोड़कर के वो
प्रदेश चल दिया
माता पिता बेटे को
पल भर भूल न पाते
पर बेटा उन्हीं माता पिता
को छोड़ चल पड़ा
उनका था एक बेटा ही
था जो लाडला माँ बाप का
करता न था बेटा कभी
एक काॅल जरा सा
बुजुर्ग माँ पिता को कैसे
छोड़ चल पड़ा
निकला बड़ा नालायक पल भर में
रिश्ता तोड़ चल पड़ा
मन भर गया उसका
एक दिन वो छोड़ चल पड़ा
बुजुर्ग माँ पिता को
एक दाना नशीब न हुआ
तड़प तड़प कर माँ
पिता ने याद खूब किया
बुजुर्ग माँ पिता को
वो छोड़ चल पड़ा
प्रेम भाव लाड दुलार
सब छोड़ चल पड़ा
जिसने सिखाया ज्ञान
वो सीख न सका
प्रदेश में...