ज़हर इंसान तेरे लफ्ज़ों सा कहीं भी नहीं
ज़हर बातों में है तो एहतियात किया कीजिए...
ज़ख्म औरों को यूं ना इस क़दर दिया कीजिए..
दर्द उठेगा तो बद्दुआ ही निकलेगी साहब...
इस अज़ाब से जहां तक हो बचा कीजिए...
नही कुछ हासिल किसी का दिल दुखाकर...
इस...
ज़ख्म औरों को यूं ना इस क़दर दिया कीजिए..
दर्द उठेगा तो बद्दुआ ही निकलेगी साहब...
इस अज़ाब से जहां तक हो बचा कीजिए...
नही कुछ हासिल किसी का दिल दुखाकर...
इस...