...

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"ढूंढ़ रहा हूँ"
Apps Stories के दौर में शायरी सुने-सुनाने वाली ढूंढ़ रहा हूँ,
मैं Remix के जमाने में Originality ढूंढ रहा हूँ,
ढूूंढ रहा हूं उसे जो Fake Feminism को नहीं,
असली Women Empowerment को समझती हों,
अरे भई! इन Gf-Bf के चोंचलों से दूर, एक Forever वाला दोस्त ढूंढ रहा हूंँ,
जिसको देखूं तो मिलें सूकून मेरे उस पल को,
मानों लुटा हुआं सा हूं मैं और कोई ख़ज़ाना ढूंढ रहा हूं,
ढूंढ रहा हूं वो शख्स, जिसकी तारिफें मेरी कविताओं में कुछ यूं हो पाए,
जब सुनाऊं उनकों महफ़िल में, तो चांद-सितारों की अहमियत ज़रा कम सी हो जाए,
एक उम्र गुजार लूं उसके संग तो भी कम लगें, बस मैं वही एक शख़्स ढूंढ़ रहा हूँ.!!!

© Rajat