तुम
मुझे तुमसे ज्यादा किसी से प्यार नहीं
तुम्हारे सिवाय किसी का इन्तजार भी नहीं
बीन तुम्हारे मेरी हालत बुरी है बहुत बुरी
शायद इसका तुझे कभी होगा आभास भी नहीं
जगकर...
तुम्हारे सिवाय किसी का इन्तजार भी नहीं
बीन तुम्हारे मेरी हालत बुरी है बहुत बुरी
शायद इसका तुझे कभी होगा आभास भी नहीं
जगकर...