कृष्णा की मीरा बन बैठे हैं (दिल के टुकड़े जेबो में लिए बैठे हैं)
एक वक्त था जब मेरी हरकतों से उसका बीपी
बड़ जाता था
मेरी अनचाही करतूतों से उसका पारा चढ़ जाता था
बिन कुछ बोले उसकी आंखे सब कह जाती थी
बिन सोए उसकी यादों में मेरी राते कट जाती थी
मेरा मन उसके ख्यालों...
बड़ जाता था
मेरी अनचाही करतूतों से उसका पारा चढ़ जाता था
बिन कुछ बोले उसकी आंखे सब कह जाती थी
बिन सोए उसकी यादों में मेरी राते कट जाती थी
मेरा मन उसके ख्यालों...