...

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इश्क़ बहुत है
यूँ मोहोबत में निराश नही हूँ मैं
क्योंकि इश्क़ में अभी इम्तिहां बहुत है

शिद्दत से इश्क़ करते रहता हूँ उसको मैं
इश्क़ मुक़म्मल होने के अभी आसार बहुत है

है ये तो शुरुआत प्यार की मेरे
पर इश्क़ में अभी इंतज़ार बहुत है

और यूँ तो मिलते हूँ हर रोज ही तुमसे
पर अभी इश्क़ में अधुरी मुलाक़ातें बहुत हैं

है चाहा तुमको शिद्दत से मैंने
पर चाहतों मे मेरी अभी कमी बहुत है

यूँ खुश तो हूँ एक तरफे इश्क़ में मैं
पर आँखों में मेरी अभी नमी बहुत है

इतनी जल्दी तो नहीं हारता मैं इश्क़ में
बाकी मुझमें अभी जुनून बहुत है

और यूँ ही तो नहीं इश्क़ करते है लोग
मेरे दोस्त इश्क़ में सुकून बहुत है
© The Silent one