...

6 views

तुम ही बताओ में दिल को कैसे समझाऊं
कितने आए कितने गए
मगर मैं सादगी का कायल था
उसके चंद तीखे बोलों ने
नफ़रत भर दी दिल मे....!!!!

में कैसे दिल को संभालु..!!!
नाता तुम छोड़ गए मुझसे
में दिल को कैसे समझाऊं

वो भीगी राते
वो अलबेली मखमली शाम
वो सर्द हवाओं के झोके
में कैसे तुमको बिसराऊ

छोड़ तो तुम गए
में दिल को कैसे समझाऊं

जब तक तुम थी सब ठीक था
खाना पीना उठना बैठना सब time से था
अब फिर सब बिखर गया
तुम से ही दुनिया थी मेरी
तुम ही मेरा साया थी
क्या हुआ तुम चले गए
अब किस साए पर इतराऊ
तुम छोड़ गए
अब दिल को कैसे समझाऊं..!!!

एक हरजाई हो तुम तो
तुम विरह वेदना क्या जानो
ये याद अब तक महल से कहा निकली
तुम अब भी कैद हो वही मानो
खुवाबो में ही आजाओ
राहत कुछ तो मन में पाऊं

तुम चली गई
में दिल को कैसे समझाऊं....!!!!
© Lotus 🪷