धूल
#धुल
शुर धुल से घुले मिले हैं
तभी तो रण में डटे पड़े हैं।
हुंकारों से शत्रु घीघ बने पड़े है
"इसलिए अब समझौता बने पड़े है।
धुल और धरा, एक साथ गूंथे,
प्रेम की गाथा, हम सबको सुनाएं।
धरती पर हर पल अद्वितीय जीवन,...
शुर धुल से घुले मिले हैं
तभी तो रण में डटे पड़े हैं।
हुंकारों से शत्रु घीघ बने पड़े है
"इसलिए अब समझौता बने पड़े है।
धुल और धरा, एक साथ गूंथे,
प्रेम की गाथा, हम सबको सुनाएं।
धरती पर हर पल अद्वितीय जीवन,...