...

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ग़ज़ल
जो हो गया है मुझसे ख़फ़ा, लौट आएगा
होगी क़ुबूल मेरी दुआ़ , लौट आएगा

आँखें समेट लेंगी मनाज़िर जुदाई के
दिल बे-ख़ुदी में देगा स़दा, लौट आएगा

मिट्टी पे बैठ जाइए , कुछ याद कीजिए
बचपन की ख़्वाहिशों का मज़ा लौट आएगा

हँसता था चाँद यार को बाँहों में देख कर
तुम आओगे तो वो भी समा, लौट आएगा

मत भूल ! याँ बुराई का बदला बुराई है
जो-जो भी आज तूने किया, लौट आएगा

लफ़्ज़ों को नाप-तोल के बोलो ''ह़यात'' अब
मुमकिन नहीं, जो बोल दिया, लौट आएगा