फ़र्क
इश्क़ हो गया है ख़ामोशी से
वो याद करे या न करे क्या फ़र्क पड़ता है
एक ज़माना हो गया है अकेले रहते
वो लौट भी आए तो क्या...
वो याद करे या न करे क्या फ़र्क पड़ता है
एक ज़माना हो गया है अकेले रहते
वो लौट भी आए तो क्या...