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मैं ।
जानती हूँ सब,पर जताती नही हूँ मैं,
बात दिल की,सबको बताती नही हूँ मैं।
कुछ खास ही है वो,जो दोस्त हैं मेरे,
युहीं हर किसी को दोस्त बनाती नही हूँ मैं।
सच हो या झूठ, सब मुहं पे बोल दूँ,
बात कोई भी हो, छुपाती नही हूँ मैं।
सहनशील हूँ,बहुत दम भी है मुझमें,
पर कभी कमजोर को डराती नही हूँ मैं।
माना कि तूने मुझे बहुत परेशान कर दिया,
पर ऐ मौत तुझसे घबराती नही हूँ मैं।।
बात दिल की,सबको बताती नही हूँ मैं।
कुछ खास ही है वो,जो दोस्त हैं मेरे,
युहीं हर किसी को दोस्त बनाती नही हूँ मैं।
सच हो या झूठ, सब मुहं पे बोल दूँ,
बात कोई भी हो, छुपाती नही हूँ मैं।
सहनशील हूँ,बहुत दम भी है मुझमें,
पर कभी कमजोर को डराती नही हूँ मैं।
माना कि तूने मुझे बहुत परेशान कर दिया,
पर ऐ मौत तुझसे घबराती नही हूँ मैं।।
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