...

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बात
मुझे उल्फत की दरकार क्या है,
कोई मुझसे न पूछे प्यार क्या है,
तु है बसी हर मौजा- जोर में,
कोई न पूछे “ तेरा ”अलंकार क्या है।

कोई दवा मांगने आये तो उसे क्या दूँ,
सोचता हूँ की हकीकत बता दूँ,
खो जाऊँ यहाँ वहाँ बीत जाऊँ मुस्कुराके,
या तेरी यादों को फिर हाथ लगा दूँ।

इश्क़ ठीहर हैै इश्क़ ठहर है,
न मौजूदगी है न पहर है,
लहर है मेरी रूह में तेरी खुशबू की,
क्या हुआ जो दूर तु है, दूर तेरा शहर है।

- V.Lyricist.





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