रंग स्वेत ..
क्यूँ रंग स्वेत बाँध के तुम खुदको सजा रहीं हो,
आँखों की अश्रुधारा में अपने सपने बहा रही हो
खुद को खुद से मिलाने से क्यूं इतरा रहीं हो
क्यूं अनजाने बंधनों में बांधकर खुदको बंधी बना रही हो...
© meetali
आँखों की अश्रुधारा में अपने सपने बहा रही हो
खुद को खुद से मिलाने से क्यूं इतरा रहीं हो
क्यूं अनजाने बंधनों में बांधकर खुदको बंधी बना रही हो...
© meetali