#सड़क के बाद#
दूर कहीं सूखी डाली पे लगा सुर्ख फूल
गर्म रेत में जहां तहां चुभते सूखे शूल
मुझे तेरे घर का सारा ही रास्ता याद है
है...
गर्म रेत में जहां तहां चुभते सूखे शूल
मुझे तेरे घर का सारा ही रास्ता याद है
है...