...

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ज़िंदगी
ए ज़िंदगी,तेरा क्या पता,,
तू जान ले हम है ,, गुमे,,,,,,,,
इस भीड़ भरी दुनिया में ,,,,,,,,
कोई नही अपना ,,,

हम बन कर मुसाफिर है,,
निकले ............
जो भी थे,, शिकवे गिले,,,
हमको था ,पता ये आशिकी ,,,
ले जाएगी ,,दूर कही,,,,
इस भीड़ भरी दुनिया में ,,,,,
कोई नहीं अपना ,,,,,,,,,,,,,,,,,!
© @खामोश अल्फाज़ ©A.k