जवाब तो तब भी थे
श्रम से चुकाया मूल सूद अपमान से,
बाकी कुछ बचा है क्या? बोलना ईमान से।
कीमत है खाखों-सी इज्जत की लाखों में,
ज्यादा ही मेकअप है मुंतशिर निशान से ।
इज्जत के वेंडर की इज्जत भी होती क्या!
ऐसा...
बाकी कुछ बचा है क्या? बोलना ईमान से।
कीमत है खाखों-सी इज्जत की लाखों में,
ज्यादा ही मेकअप है मुंतशिर निशान से ।
इज्जत के वेंडर की इज्जत भी होती क्या!
ऐसा...