...

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अनंत प्रेम
फासले हुए
बातें कम हुई
तकरारें हुई
कभी ख़ामोशी भी रही छाई
दोनों के दरमियान
पर इश्क़
बढ़ता ही चला गया
ज़रा भी कम ना हुआ
कितना अनमोल बंधन है
तेरा मेरा
कुछ ना कहकर भी
हमनें एक दूजे के दिल को सुन लिया
दूरियां होने पर भी
रूह जुड़ी रही सदा
साथ निभाते रहे हम
बिन किए कोई वादा
नाराज़गी हुई
लगा छूट ना जाए साथ
पर इश्क़
गहरा होता चला गया
ज़रा भी कम ना हुआ
तुम ज़िन्दगी हो या यूं कहूं
ज़िन्दगी तुमसे है
डरते हैं वफ़ा से
फ़िर भी अनंत प्रेम तुमसे है

© rõõh