शायद ___
RAAJ PREEET
बस कुछ पुछ कर हमने यह जाना है फकीरो से
इश्क कभी मिलता नही उलझी तकदीरों से
तुम हो गर साथ तो यह भी मुमकिन है ज्योति
पा लेना है तुमको हाथ की लकीरों से
PREEET पर इलजाम लगते रहे है वफा के बहुत
क्या तुम भी कभी...
बस कुछ पुछ कर हमने यह जाना है फकीरो से
इश्क कभी मिलता नही उलझी तकदीरों से
तुम हो गर साथ तो यह भी मुमकिन है ज्योति
पा लेना है तुमको हाथ की लकीरों से
PREEET पर इलजाम लगते रहे है वफा के बहुत
क्या तुम भी कभी...