...

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धरती मां के पुत्र
#कफ़न
सूर्य करेगा अगवानी ,फ़िर चाँद नज़र उतारेगा
हर बालक देश की रक्षा हेतु देखो अब हुंकारेगा
सर पर होगा कफ़न हमारे हाथ कलावा धारेगा
धरती मां की रक्षा के हित, वीर पुत्र अब जागेगा

पड़े पैर जो अंगारों पर, बादल बरखा कराएगा
जलते पैरों पर इन बूंदों , से मरहम लगवाएगा
सूर - वीर बन आगे बढ़ने, को हर बालक आएगा
ये देखकर मात - पिता को गर्व बड़ा हो जायेगा

बचपन से ही रगों में दौड़े,देशप्रेम की धारा है
देश ये अपना हमको अपनी ,जान से भी प्यारा है
मां की कोख से जन्मे,अब धरती पर ही पलना है
फूलों में ही नहीं अब तो ,कांटो पर भी चलना है

धरती मां की रक्षा हेतु ,हमने कफन उठाया है
बड़े नसीबों से अब हमने,ऐसा मौक़ा पाया है
धरती मां के वीर पुत्र हैं,सबने ये फरमाया है
धरती मां पर मिटने को तो,हर वीर बन आया है..

देश सेवा के खातिर मां जो,वीर पुत्र को देती है
पुत्र प्रेम और देश प्रेम के बीच में लटकी रहती है
देश की मिट्टी के खातिर वो, कितनी हिम्मत करती है
खो न दे कहीं बेटे को ,खुद ही डरती रहती है .....

© Munni Joshi