महात्मा गांधी: अहिंसा के पुजारी
राष्ट्रपिता हैं गांधी जी, महात्मा की मूरत,
साबरमती के संत, सदा रहेंगे ये पूज्य हुरत।
धोती, ऐनक, और एक लाठी, जो भारी हो हजारों पर,
अस्त्र नहीं उठाए, फिर भी देश को दिया आज़ादी का संचार।
अहिंसा की राह पर, बढ़ते गए साहस से कल्लप,
जब दांडी यात्रा निकली, नभ में छाई धूम,
दुनिया के मंच पर, मच गई थी खलबली का शोर।
अहिंसा के थे वो पुजारी, महात्मा गांधी...