...

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तुझको लिखने बैठे है
तुझको लिखने बैठे है
कुछ सोचा है हम आज लिखे
कोरे कागज़ के पन्नो पे
अपने दिल का आगाज लिखे
तेरे होंठो का भी वर्णन हो
मिश्री सी तेरी बात लिखे
तेरी नजरो की गहराई में
डूबे हम कैसे आज लिखे
तेरे कानो की बाली की
या पायल की हम झंकार लिखे
तेरे चंचल से इस मुखड़े पे
झुल्फो का काला जाल लिखे
मासूम सी तेरी खूबी को
सोने चांदी का हार लिखे
कितना कुछ है अभी लिखने को
क्या सब कुछ ही हम आज लिखे
तुझको लिखने बैठे है
कुछ सोचा है हम आज लिखे....
© Adroit_Mack