प्रतीक्षा
#प्रतिक्षा
स्थिर तन चंचल मन,
अडिग प्रतिक्षा की लगन;
शम्भू जैसे पाने को गौरा संग,
सांसों में बसी, उसकी ही धुन,
हर पल जैसे कोई सजीव जुनून।
मन का समर्पण, तन की प्यास,
प्रेम में डूबी, यह अनंत आस।
कई जन्मों...
स्थिर तन चंचल मन,
अडिग प्रतिक्षा की लगन;
शम्भू जैसे पाने को गौरा संग,
सांसों में बसी, उसकी ही धुन,
हर पल जैसे कोई सजीव जुनून।
मन का समर्पण, तन की प्यास,
प्रेम में डूबी, यह अनंत आस।
कई जन्मों...