ग़ज़ल
ऐ दिल बता मुझे वो ज़माने कहाँ गए
वो लोग मेरी बस्ती के जाने कहाँ गए
सुनकर जिन्हें खिंचे चले आते थे हम कभी
वो गीत, वो ग़ज़ल, वो तराने कहाँ गए
जिन डालियों पे हमने बसेरा किया...
वो लोग मेरी बस्ती के जाने कहाँ गए
सुनकर जिन्हें खिंचे चले आते थे हम कभी
वो गीत, वो ग़ज़ल, वो तराने कहाँ गए
जिन डालियों पे हमने बसेरा किया...