...

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शास्वत कर्म
#पहचान
बनेगा जो सास्वत वही आधार होगा,
पहचान तेरा नाम अपितु काम होगा;
आख़िरी सांस लेने से पहले,
करे तू काम कुछ ऐसा
रहे न तन ये नश्वर पर तेरा ये नाम होगा
तेरी थकती भुजाओं को
कहीं पर रुकना भी होगा
बना दे तू कोई बिगड़ी
तभी आराम भी होगा
हमारे कर्म हों ऐसे कि अंतिम बेला जब आये
मुस्कुराता चेहरा सन्मुख तो कोई
घनश्याम भी होगा