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पापा मेरे तो सब कुछ थे आप
हे जन्मदाता, कहां चले गए देकर मुझे जीवनदान,
स्वीकार करे आपके चरणों में मेरा प्रणाम।।

हूं कितना भाग्यबली की आप सा जन्मदाता पाया
मित्र, प्रेरणा, गुरु, पिता, मार्गदर्शक, जीवन रक्षक
एक अकेले आपसे ही तो हरेक ये नाता पाया।।
पिता ही नही पिता से कई बढ़कर थे आप,
पापा मेरे तो सबकुछ थे आप।।
पापा मेरे तो सबकुछ थे आप।।

वो वक्त कितना विकराल होगा,
जब आया आपका काल होगा,
हाय कितना निर्दय हो गया होगा ईश्वर,
जरा भी न उसको मेरा खयाल होगा।।
खेल गए खेल मुझको जीवन दान देकर,
हाय बदले में ले गए आपके प्राण हरकर।।

आखरी काल दर्द से ना जाने कितना कर्रआते होंगे,
मुझको कंठ से लगाने को हाय कितना छटपटाते होंगे,
हाय ये देख निर्दय काल तो केवल हंसते होंगे,
आप उत्सुकता से दरीचे पर निगाह किए मुझको तकते होंगे
पर हाय ये दुर्भाग्य की मैं नियति से लड़ न सका,
आखरी काल आपके साथ रह न सका।।
आपको अपने आलिंगन में भर ना सका।।
जाना था अपने कंधो पे आपको आपके गंतव्य लेकर,
पर हाय दुर्भाग्य मैं ये कर्तव्य भी पूरा कर न सका।।

जब मेरे मृत्युस्या पर होने का समाचार मिला होगा
आपने खुद ही तो काल का आह्वान किया होगा,
मेरे प्राणों के बदले अपने प्राणों का दान किया होगा।।
ठग लिया होगा काल को, खुद गले लगाकर,
बड़े खुश होगे ना आप मेरी जान बचाकर।

पर हाय ये न सोचा की आपके बिना मेरे जीवन का क्या अर्थ होगा,
आपके बिना ये जीवन कितना व्यर्थ होगा।।
काल से तो आपने मुझे विजय दिलवा दी,
पर हाय कैसे सहूंगा अब मैं इस जीवन का ताप,
मेरे लिए तो मेरा जीवन थे आप।।
अब कौन हाय मेरे इस जीवन की ढाल बनेगा ,
काल जो आया फिर से तो उसका काल बनेगा।।

किसकी छाया में हाय मुझे अब सुकून मिल पाएगा,
कौन भला आपकी तरह मुझको अपना समझ पाएगा।।
किस्से हाय अब मैं अपनी व्यथा कहूंगा,
किस्से अब मैं अपना बचपना करूंगा।।
क्यों मुझसे यूं दूर चले गए, ऐसा किया मैने कोनसा पाप,
पापा मेरे तो सबकुछ थे आप
मेरे तो सबकुछ थे आप।।

मैं जानता हूं आप बड़ी पुण्य आत्म थे,
कलयुग में भी उत्कृष्ट गृहस्थ महत्मा थे।।
देख रहे होंगे मंद मंद मुझको मुस्का कर,
बड़े खुश हो रहे होगे मेरा जीवन बचा कर।।
मैं भी आपकी अवहेलना नही करूंगा,
आपके दिए इस जीवन को आपकी ही तरह जिऊंगा।।
मैं जानता हु बैकुंठ में बैठ भी मेरी रक्षा करोगे आप ,
पापा आज भी मेरे सबकुछ हो आप।
आज भी मेरे सबकुछ हो आप।।
© @bhaskar

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Covid swallowed millions of people one of them is my father. Destiny played such a foul game that I was critical while my father was recovering well but in the end he lost the battle and I survived. I couldn't see him last time couldn't be with him last time and informed after many days later.

I know I'm not alone and many more have lost their loved one like this and hence dedicating this to all those bravehearts.