गुमनाम रिश्ता....
गुमनाम सा हो गया है ये रिश्ता
ए खुदा इस टूटे रिश्ते को कोई नाम दे,
ना मरे हैं और ना ही जिंदा हैं
ए खुदा इस जिंदगी को कोई अंजाम दे,
मंजिल है ही नहीं इन रास्तों पर शायद
ए खुदा किस रांह पर जाऊं कोई पैगाम दे,
सुना है कि रोने से दिल हल्का हो...
ए खुदा इस टूटे रिश्ते को कोई नाम दे,
ना मरे हैं और ना ही जिंदा हैं
ए खुदा इस जिंदगी को कोई अंजाम दे,
मंजिल है ही नहीं इन रास्तों पर शायद
ए खुदा किस रांह पर जाऊं कोई पैगाम दे,
सुना है कि रोने से दिल हल्का हो...