अफ़सोस नहीं....
अफ़सोस क्या करें उसका जो घड़ी चली गई
जाने दो उसे भला कौन सी जिंदगी चली गई...
दिल में जो आ जाए मैं उसे कर ही डालता हूं
ताकि अफसोस न रहे जिंदगी यूं ही चली गई...
खुशी ने मुसलसल खटखटाए थे दरवाजे मेरे
मैं ही उसे तवज्जो न दे सका सो वो चली गई...
जिंदगी बता मैं क्यूँ...
जाने दो उसे भला कौन सी जिंदगी चली गई...
दिल में जो आ जाए मैं उसे कर ही डालता हूं
ताकि अफसोस न रहे जिंदगी यूं ही चली गई...
खुशी ने मुसलसल खटखटाए थे दरवाजे मेरे
मैं ही उसे तवज्जो न दे सका सो वो चली गई...
जिंदगी बता मैं क्यूँ...