उलझा हुआ सा
नहीं किधर जाना है उसे,
कोई फर्क नहीं है परिंदो और उसमे।
सुलझा हुआ समझते है सभी उसे,
उलझा हुआ सा कोई दूसरा भी है उसमे।
© abhay
कोई फर्क नहीं है परिंदो और उसमे।
सुलझा हुआ समझते है सभी उसे,
उलझा हुआ सा कोई दूसरा भी है उसमे।
© abhay
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