परिभाषित प्रेम.....❣️
#मजबूरी #प्रेम #love #writcoquotes
#shaifaliकेअल्फाज़
झूठ नहीं मजबूरी है,
तुम जानों क्या क्या ज़रूरी है;
नंगे बदन की भी अपनी धुरी है,
तन के मिलन को भी प्रेम ज़रूरी है;
टटोलना...
#shaifaliकेअल्फाज़
झूठ नहीं मजबूरी है,
तुम जानों क्या क्या ज़रूरी है;
नंगे बदन की भी अपनी धुरी है,
तन के मिलन को भी प्रेम ज़रूरी है;
टटोलना...