यौवन-पुष्प....महका तो सही
हृदय कोमल, भाव मृदुल, नयनों से सरसा तो सही,
प्रेमोद्दीपन कर, धारण मन, जीवन पुष्प हर्षा तो सही।
💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞
अधर सुवासित, प्रियतम तेरे, रस-सुधा बरसा तो सही,
कोमल अंग-प्रत्यंग कर यूँ आलिंगन,तू मुस्कुरा तो सही।
💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞
कितनें सावन, निर्जन-मन-उपवन, दे अपनी साँसे महका तो सही।
साँवल-मृगनयनी, तू यूँ बलखाकर,केश-मेघ लहरा तो सही,
💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞...
प्रेमोद्दीपन कर, धारण मन, जीवन पुष्प हर्षा तो सही।
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अधर सुवासित, प्रियतम तेरे, रस-सुधा बरसा तो सही,
कोमल अंग-प्रत्यंग कर यूँ आलिंगन,तू मुस्कुरा तो सही।
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कितनें सावन, निर्जन-मन-उपवन, दे अपनी साँसे महका तो सही।
साँवल-मृगनयनी, तू यूँ बलखाकर,केश-मेघ लहरा तो सही,
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