एक पहेली
जिंदगी के हौसलों में उड़ान लिए खडी़ थी।
अपने जन्म के वक्त सभी के चहेरो पर मुस्कान लिए खडी़ थी ।
वक्त ने सारी बंदिशे तोड़ दी।
परम्परा की बेड़िया भी...
अपने जन्म के वक्त सभी के चहेरो पर मुस्कान लिए खडी़ थी ।
वक्त ने सारी बंदिशे तोड़ दी।
परम्परा की बेड़िया भी...