बुरा नहीं होता..
दिल की दर्द-ए-दास्तां
आँखों को महसूस कराना
बुरा नहीं होता शायद
थोड़े से आँसू बहाना,
चाल बदलती धड़कनें ये
चाल कोई खेल जाती
छिपाती पर्दे के पीछे
हालातों से सुलगी बाती
सूरत भी तो जान ले ,
झूठा कितना है...
आँखों को महसूस कराना
बुरा नहीं होता शायद
थोड़े से आँसू बहाना,
चाल बदलती धड़कनें ये
चाल कोई खेल जाती
छिपाती पर्दे के पीछे
हालातों से सुलगी बाती
सूरत भी तो जान ले ,
झूठा कितना है...