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सपनो की कीमत
मेरे सपनो की कीमत
मैंने रातें जग कर लगाई है
दिन भर की थकान और दर्द है शरीर मे
न जाने कैसे लेकिन अभी भी ताकत बची है
करना है अभी बहुत कुछ
ये सोच हर वक्त जहन मे बसी है
मां बाप से दूर हूं ,एक ऐसे जगह पर जहां कोई न जनता किसी को
जाते वक्त घर से, देखा था मैने आखों में उनकी
थी एक उम्मीद बच्चे को अपनी काबिल बनते देखने की
उस उम्मीद को पूरा करने निकली हूं
उनके सपने को पूरा करना ही है मेरा सपना
इसके लिए मुझे क्यों न पड़े कितनी रातें भी जागना।।
© Aaliya
मैंने रातें जग कर लगाई है
दिन भर की थकान और दर्द है शरीर मे
न जाने कैसे लेकिन अभी भी ताकत बची है
करना है अभी बहुत कुछ
ये सोच हर वक्त जहन मे बसी है
मां बाप से दूर हूं ,एक ऐसे जगह पर जहां कोई न जनता किसी को
जाते वक्त घर से, देखा था मैने आखों में उनकी
थी एक उम्मीद बच्चे को अपनी काबिल बनते देखने की
उस उम्मीद को पूरा करने निकली हूं
उनके सपने को पूरा करना ही है मेरा सपना
इसके लिए मुझे क्यों न पड़े कितनी रातें भी जागना।।
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