ग़ज़ल
कि आस्तीन में सांप बहुत हैं, हमको डसोगे,
मर जाओगे, हम भी जहरीले बहुत है
वो बोले निगाहों में ना देखो बहक जाओगे,
जरा संभलकर, हम भी नशीले बहुत है
वो बोले ये तो आम है, चूस कर फेंक देंगे,
देखना दाग ना छूटे,...
मर जाओगे, हम भी जहरीले बहुत है
वो बोले निगाहों में ना देखो बहक जाओगे,
जरा संभलकर, हम भी नशीले बहुत है
वो बोले ये तो आम है, चूस कर फेंक देंगे,
देखना दाग ना छूटे,...