विश्वयुद्ध द्वितीय के तथ्य
आओ जाने विश्वयुद्ध 2 के कुछ तथ्य।
इतिहास का सबसे घातक और भीषण युद्ध रहा, है यह इसका है सत्य।।
इस युद्ध में गई 5 से7 करोड़ लोगों की जान।
सभी महा शक्तियों ने झोंक दिया था इस युद्ध में अपना आर्थिक, औद्यौगिक और विज्ञान।।
असैनिक नागरिकों का किया था नरसंहार कर परमाणु हत्यारों का इस्तेमाल।
यह महाविनाशकारी युद्ध चला था पूरे 6 साल।।
हुई शुरुआत इस विश्वयुद्ध की जब 1 सितंबर 1939 में जर्मनी ने पोलैंड पर हमला किया।
पहले विश्वयुद्ध के बाद की जर्मनी की वर्साय की संधि का उल्लंघन था उसने किया।।
जर्मनी की और से शामिल हुए इटली जून 1940 में।
साधा निशाना सब से पहले मिलकर इन्होंने स्पेन पे।।
क्यूंकि1935 में जब जर्मनी ने वर्साय की संधि थी तोड़ी।
तब पोलैंड ने ही गृहयुद्ध की लहर थी छेड़ी।।
सोवियत संघ पर जर्मनी के आक्रमण करने की योजना को बारबोसा योजना के नाम से है जाना जाता।।
अमेरिका द्वितीय विश्वयुद्ध में जिस दिन शामिल हुए वो तिथि को 8 सितंबर 1941 ई. है माना जाता।।
इसी तरह इस युद्ध में जुड़ते जुड़ते कुल 61 देश जुड़ गए।
मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र दो जूटों में वो बट गए।।
पोलैंड, फ्रांस, इंग्लैंड और उनके अधीन देश थे मित्र राष्ट्र।
वहीं जर्मनी, इटली और जापान थे धुरी राष्ट्र।।
उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति थे फैंकलिन डी रुजवेल्टई और इंग्लैंड के प्रधान मंत्री थे विंस्टन चर्चिल।।
जर्मन का जनरल डेजर्ट फॉक्स के नाम से जाना जाने वाला था रोम्मेले।।
अमेरिका ने आज के है दिन 6ऑग 1945 में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर एटम बम गिराया था।
और जर्मनी की पराजय का श्रेय रूस ने ही पाया था।।
द्वितीय विश्व युद्ध में मित्रराष्ट्रों के द्वारा पराजित होने वाला अंतिम देश जापान था।
अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना में इस युद्ध का सबसे बड़ा योगदान था।।
इस युद्ध में लगभग 10करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया था।
आखिरकार 2 सितंबर 1945 को इस युद्ध का अंत किया था।।
सोच कांप जाती है रूह युद्ध के नाम हुए नरसंहार का।
क्या फायदा हुआ किसी देश को बस द्वार खोले थे तो भुखमरी, और बीमारियों और संक्रमणों की बहार का।।
© Vasudha Uttam
इतिहास का सबसे घातक और भीषण युद्ध रहा, है यह इसका है सत्य।।
इस युद्ध में गई 5 से7 करोड़ लोगों की जान।
सभी महा शक्तियों ने झोंक दिया था इस युद्ध में अपना आर्थिक, औद्यौगिक और विज्ञान।।
असैनिक नागरिकों का किया था नरसंहार कर परमाणु हत्यारों का इस्तेमाल।
यह महाविनाशकारी युद्ध चला था पूरे 6 साल।।
हुई शुरुआत इस विश्वयुद्ध की जब 1 सितंबर 1939 में जर्मनी ने पोलैंड पर हमला किया।
पहले विश्वयुद्ध के बाद की जर्मनी की वर्साय की संधि का उल्लंघन था उसने किया।।
जर्मनी की और से शामिल हुए इटली जून 1940 में।
साधा निशाना सब से पहले मिलकर इन्होंने स्पेन पे।।
क्यूंकि1935 में जब जर्मनी ने वर्साय की संधि थी तोड़ी।
तब पोलैंड ने ही गृहयुद्ध की लहर थी छेड़ी।।
सोवियत संघ पर जर्मनी के आक्रमण करने की योजना को बारबोसा योजना के नाम से है जाना जाता।।
अमेरिका द्वितीय विश्वयुद्ध में जिस दिन शामिल हुए वो तिथि को 8 सितंबर 1941 ई. है माना जाता।।
इसी तरह इस युद्ध में जुड़ते जुड़ते कुल 61 देश जुड़ गए।
मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र दो जूटों में वो बट गए।।
पोलैंड, फ्रांस, इंग्लैंड और उनके अधीन देश थे मित्र राष्ट्र।
वहीं जर्मनी, इटली और जापान थे धुरी राष्ट्र।।
उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति थे फैंकलिन डी रुजवेल्टई और इंग्लैंड के प्रधान मंत्री थे विंस्टन चर्चिल।।
जर्मन का जनरल डेजर्ट फॉक्स के नाम से जाना जाने वाला था रोम्मेले।।
अमेरिका ने आज के है दिन 6ऑग 1945 में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर एटम बम गिराया था।
और जर्मनी की पराजय का श्रेय रूस ने ही पाया था।।
द्वितीय विश्व युद्ध में मित्रराष्ट्रों के द्वारा पराजित होने वाला अंतिम देश जापान था।
अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना में इस युद्ध का सबसे बड़ा योगदान था।।
इस युद्ध में लगभग 10करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया था।
आखिरकार 2 सितंबर 1945 को इस युद्ध का अंत किया था।।
सोच कांप जाती है रूह युद्ध के नाम हुए नरसंहार का।
क्या फायदा हुआ किसी देश को बस द्वार खोले थे तो भुखमरी, और बीमारियों और संक्रमणों की बहार का।।
© Vasudha Uttam