कोई तो मिला दो, ज़िन्दगी को ज़िन्दगी से
#parasd
कहीं, खो गया है सुकून ज़िन्दगी से
किसी रास्ते पर, निशान कदमों के जैसे।
मन का मुसाफ़िर, मंज़िल से ख़फ़ा क्यों
जैसे पानी पे है, बुलबुले बनते...
कहीं, खो गया है सुकून ज़िन्दगी से
किसी रास्ते पर, निशान कदमों के जैसे।
मन का मुसाफ़िर, मंज़िल से ख़फ़ा क्यों
जैसे पानी पे है, बुलबुले बनते...